Tuesday, June 17, 2008

गांव से गीले पांव...
















3 comments:

Rajesh Roshan said...

झारखण्ड से हू. चित्र को देखकर एक गीत याद आने लगी. चल गे भउजी रोपा रोपे... इसे धान रोपना कहते हैं हमारे ओर.... बहुत बढ़िया

Udan Tashtari said...

बिल्कुल बोलती हुई तस्वीरें हैं, बहुत बढ़िया.

अमिताभ मीत said...

बहुत ख़ूबसूरत. कमाल की तस्वीरें.